नई दिल्ली। आजकल पैसा कमाने के चक्कर में दुकानदार नकली गुड बनाकर बेच रहे हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि अच्छी गुणवत्ता वाले गुड़ की पहचान कैसे करनी चाहिए। गुड़ एक सुपर फूड और स्वीटनर है, जो गन्ने से बनता है। यह कच्चे गन्ने के रस को उबालकर बनाया जाता है।
यह 20 प्रतिशत इनवर्टेड शुगर, 50 प्रतिशत सुक्रोज और 20 प्रतिशत नमी और कई तरह के घुलनशील पदार्थ से बनता है। इसमें कैल्शियम, फॉस्फोरस, आयरन, पोटेशियम और जिंक, प्रोटीन, विटामिन बी की प्रचुर मात्रा के कारण यह चीनी का हेल्दी ऑप्शन है। गन्ने के रस को सांचों में डालने से पहले घंटों तक उबाला जाता है और फिर इसे सख्त होने के लिए रख दिया जाता है।
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वहीं चीनी को पैक करने से पहले क्रिस्टलाइजेशन के साथ कई अन्य प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इस प्रकार चीनी स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक बन जाती है।गुड़ का रंग भी शुद्धता की पहचान करने का अच्छा तरीका है। आदर्श रूप से गुड़ का रंग गहरा भूरा होना चाहिए। लेकिन अगर आपके द्वारा खरीदे गए गुड़ में पीला रंग दिख रहा है, तो यह असली नहीं है। इसका पीला रंग रसायनिक उपचार का संकेत है। इस गुड़ को अगर आप पानी में डालेंगे, तो मिलावटी पदार्थ बर्तन में नीचे बैठ जाएंगे। जबकि अगर ये शुद्ध होगा तो पूरी तरह से पानी में घुल जाएगा।
आमतौर पर मिलावटी गुड़ में कैल्शियम और सोडियम बायकार्बोनेट मिलाया जाता है। कैल्शियम कार्बोनेट गुड़ में इसलिए मिलाया जाता है, ताकि इसका वजन बढ़ाया जा सके। जबकि सोडिसम बायकार्बोनेट का इस्तेमाल पीला रंग मिलाने के बाद इसके लुक को निखारने के लिए होता है। मालूम हो कि मौसम में हल्की ठंडक आ गई है। ऐसे में अब बाजारों में गुड़ मिलना शुरू हो जाएगा। वैसे तो हर मौसम में गुड़ की बिक्री होती है, लेकिन सर्दी के दिनों में बाजार में मिलने वाले गुड़ की बात ही कुछ और है।
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इसकी तासीर गर्म होती है, इसलिए शरीर में गर्माहट बनाए रखने के लिए ठंड के दिनों में इसे खाने की सलाह दी जाती है। कई लेाग शक्कर की जगह गुड का ही इस्तेमाल करते हैं। इसका स्वाद तो अच्छा होता ही है साथ ही आयरन और विटामिन सी की उपस्थिति के चलते सेहत के लिए बहुत फायदेमंद है। इसके तमाम फायदों का लाभ आप तभी ले पाएंगे, जब गुड़ शुद्ध होगा। लेकिन आप इस बात की गारंटी कैसे ले सकते हैं कि जो गुड़ आप खरीद रहे हैं, वो पूरी तरह से शुद्ध है।
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